STORYMIRROR

Asmita prashant Pushpanjali

Romance

4  

Asmita prashant Pushpanjali

Romance

बस इतनी तमन्ना

बस इतनी तमन्ना

1 min
178

मुझे है बस इतनी तमन्ना,

तेरी बाजुओं में आके निकले दम साजना।

मैं सोचूँ हर घड़ी हर पल,

क्यूँ चाहूँ तुझे इतना मैं पल पल।


मुझे है बस तेरा इंतजार,

दिल चाहे देखूँ तुझे बार बार।

बिन तेरे मैं बनूँ जोगना,

इश्क़ दा रोग मैनु लगना।


मुझे है बस इतनी आरज़ू,

मुकर ना जाये जुबां से अपनी तू।

साया जो साथ छोड़े, छोड़ दे;

पर तू हाथ कभी ना छोड़ना।


मुझे है बस इतनी तमन्ना,

तेरी बाजुओं में आके निकले दम साजना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance