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Manisha Patel

Inspirational

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Manisha Patel

Inspirational

बस!अब बहुत हुआ!!

बस!अब बहुत हुआ!!

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क्या कहती हो, सुन लो ऐ नारी,

नारी तुम केवल श्रद्धा हो कहने वाला वह जमाना बीत गया,

नारी के प्रति सम्मान और मान के भाव से आज का जमाना रीत गया।


ठान लो, समझ लो कि अब तुम दुर्गा हो, शक्ति हो, काली का रूप हो,

आ जाए बात जब आन की, आबरू की तो तुम चंडी का स्वरूप हो।


नहीं है हक किसी भी मैले हाथों को छूने का तेरे आंचल को,

नहीं हो अबला तुम, ना बहाना रो कर अपनी आंखों के काजल को।


है पुरुष प्रधान समाज तो क्या ? तुझको अब डर किसका है,

खुद की शक्ति को संचित कर लड़ तू, तू ही तो सृजनकर्ता है।


साहस कर उठ जा तू, सबल है तू ,तुझे जरूरत क्या किसी सहारे की,

प्रकृति है तू, तेरे सहारे ही तो सृष्टि है चलती तू ही तो है हिम्मत हारे की।


सीमाएं पार की है पुरुष के अहं ने मानव से नराधम बन कर,

तार-तार कर आबरू स्त्री की इतराता है नारी देह को नोच कर।


हिम्मत करके उठना होगा, लड़ना होगा अपने अधिकारों के लिए,

न सहना अपमान, करना विरोध अपने पर हुए हर अत्याचारों के लिए।


उद्दंड समाज को समान हक लेकर सही रास्ता दिखाना ही होगा,

बस! अब बहुत हुआ !! नारी केवल देह नहीं है यह उन्हें हर हाल में समझाना होगा।


डर जाओ समाज के ठेकेदारों रहने दो तलवार को म्यान में ही,

ना छेड़ो नारी को, रहने दो उस कोमल हृदया को अपनी मर्यादा और मान में ही।



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