कभी लहलाहते खेत में फसलों के बीच पीली सरसों सा फूला है ये मन, कभी लहलाहते खेत में फसलों के बीच पीली सरसों सा फूला है ये मन,
मन के भीतर हमारे कहां ये झांक पाता है। मन के भीतर हमारे कहां ये झांक पाता है।
वो दिन कौन सा होगा जब तेरी आत्मा लिबास बदलेगी वो दिन कौन सा होगा जब तेरी आत्मा लिबास बदलेगी
ठान लो, समझ लो कि अब तुम दुर्गा हो, शक्ति हो, काली का रूप हो, ठान लो, समझ लो कि अब तुम दुर्गा हो, शक्ति हो, काली का रूप हो,
हमारा नया सदस्य, वाहन था वो पहला, कभी आया था वो नया नवेला। हमारा नया सदस्य, वाहन था वो पहला, कभी आया था वो नया नवेला।