बरसात
बरसात
बरसात का महीना।
बारिष बरसे टापटीप।।
सावन में मयूर नाचे।
पंख फैला के रिपरिप।।
हरा भरा मैदान है।
पशु पक्षीयोकी गांन है।।
सुंदर क्षण का आनंद लिजीए।
सारा जहा का मान है।।
डालिया बोल रही है।
कर लो पहेचान उनसे।।
गुंज रहा है सारा आसमा।
धरतीपे स्वर्ग बुलाऊ कैसे।।
स्वर्ग सारा सृष्टि में है।
जंगल संपत्ती से हरा भरा।।
रिमझिम बरीस बरसे।
आया सावन झुमो जरा।।