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सुरेश पवार

Abstract

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सुरेश पवार

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महक

महक

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तेरा महकना तेरा चलना

तू जैसी थि बिलकूल वैसी ही हो !!


तेरी अदायें तेेरा महकना

फूलों की तरह है !!


'तेरी गाालों की लाली

गुलाबों की खुुुशबु जैसी है !!


तेरा चलना तो मोरनी जैसी है

तेरी पायल की आवाज घुंघरू जैसी है!!


तेरी अदायें तो मदमस्त है 

जनाब घायला कर दे हमें !!


वैसे भी हम आपके दिवानेे हैं हम

दीदार तो हम ऊस दिन ही कर चुके हैं !!


जब आप हमारी बाहों में थे

सारा जहां आप की कदमो में थे !!


तेरा महकना तेरा चलना

तू जैसी थि बिलकूल वैसी ही हो !!



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