Anonymous Writer

Romance

2  

Anonymous Writer

Romance

बरसात

बरसात

1 min
261


आगाह है आज रात बरसात होने की

डायरी का सूखा गुलाब एक बार फिर खिलेगा


सुकून की करवट लेगा वो हर एक पन्ना

जिस पर बेचैनी का कभी ग़म लिखा था


आज रात को फिर एक बार, उसके नाम

की चाय बनेगी

जिसकी भांप से बरसों पुरानी यादें ताजा होंगी


चाँदनी भी अलग नज़ारा देखेगी

तन्हाई का दामन छोड़, बारिश गले लगेगी


सिरहाने रख आज जुदाई को

तेरे ख्वाबों को ओढ़ आज सोऊंगी मैं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance