दर्द
दर्द
कुछ दिख जाते हैं, कुछ छिपाए जाते हैं
आंसू के जरिए, कुछ बहाए जाते हैं।
किसिका आज दर्द है, तो किसी का अतित
हर किसी के दिल पर, निशान ए दर्द है अंकित।
यही मर्ज है और यही इसकी दावा है
दर्द ही दर्द को कटता, गालिब ने कहा है।
पता हो दर्द की वजह , तो मुबारक
बेवजह हो, तो ना जिया जाए ना मरा जाए
सहा ना गया दर्द जिससे, रो दिए महफिल में
समझोता कर लिया जिन्होंने, वो तो मुस्कुरा दिए।