Jai Singh(Jai)
Action Fantasy Thriller
बरखा आई जोर की, लगा टपकने माल
पानी ऐसे बह रहा, लगी नदी सी गाल
लगी नदी सी गाल, नजारा देखन आल्ला
टखनों तक था नीर, सीन ने पाला चाल्ला
बाल भरें उल्लास, नाव को बहता परखा
नहा रहे वों खूब, देखकर आई बरखा।
"वंदन नूतन वर...
"ज्ञान के दीप...
पर्व यह ज्योत...
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"ललई सिंह "
" राखी का त्य...
" भीम ने राखी...
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अबला भारत देश...
कपूत ही बेचते हैं पुरखो की दौलत सपूत इस कला मे माहिर नहीं होते! कपूत ही बेचते हैं पुरखो की दौलत सपूत इस कला मे माहिर नहीं होते!
बहुमूल्य उपहार प्रकृति का खजाना पर हमने इसे कभी न माना बहुमूल्य उपहार प्रकृति का खजाना पर हमने इसे कभी न माना
बहुत निभाई बड़े भाई की जिम्मेदारी, फिर भी हमने सदा ही खाई सीने पे गोली बहुत निभाई बड़े भाई की जिम्मेदारी, फिर भी हमने सदा ही खाई सीने पे गोली
फ़र्ज़ की पुकार पर तन, मन सभी को वार कर अरिहंत तुम बढ़े चलो अदम्य होंसला रहें अटल, अचल, निश्चल र... फ़र्ज़ की पुकार पर तन, मन सभी को वार कर अरिहंत तुम बढ़े चलो अदम्य होंसला रहें...
मेरी लाडो, तेरी मैं आबरू बचा नहीं सकती।। मेरी लाडो, तेरी मैं आबरू बचा नहीं सकती।।
थक गया था चाँद अपनी ही तलाश में बेफिक्र होकर दयरो हरम के पीछे से निकला। थक गया था चाँद अपनी ही तलाश में बेफिक्र होकर दयरो हरम के पीछे से निकला।
बस इस वक्त खुद को संभाल लो जब साथ कोई खड़ा नहीं है बस इस वक्त खुद को संभाल लो जब साथ कोई खड़ा नहीं है
उतने ही प्रेम की, समर्पण की, जो वह बिना शर्त तुझे देती है, उतने ही प्रेम की, समर्पण की, जो वह बिना शर्त तुझे देती है,
उठा अहिंसा का अस्त्र शस्त्र, चेतना जगाई तुमने खोई हुई, उठा अहिंसा का अस्त्र शस्त्र, चेतना जगाई तुमने खोई हुई,
ये एक समय ही है जो तक़दीर लिखता है, मेहनत जिसने की उसी की झोली भरता है, ये एक समय ही है जो तक़दीर लिखता है, मेहनत जिसने की उसी की झोली भरता है,
तप करे चोटी पर, खाये रोटी बड़ी सी कोठी पर, संसार का इन्हें मोह कहाँ! तप करे चोटी पर, खाये रोटी बड़ी सी कोठी पर, संसार का इन्हें मोह कहाँ!
झूठ के लोग प्यारे लगते हैं सच्चे लोग हत्यारे लगते हैं झूठ के लोग प्यारे लगते हैं सच्चे लोग हत्यारे लगते हैं
जिस गृह में सम्मान हो तेरा, वह घर खुशियों से भरी रहे। जिस गृह में सम्मान हो तेरा, वह घर खुशियों से भरी रहे।
तुमसे इश्क़ करना मेरे लिए जुनून नहीं पूजा है प्यार। तुमसे इश्क़ करना मेरे लिए जुनून नहीं पूजा है प्यार।
हवा श्वास लेने के काबिल नहीं रही पृथ्वी को बुखार है हवा श्वास लेने के काबिल नहीं रही पृथ्वी को बुखार है
मन में न कोई कड़वाहट हो तन मन से प्रतिज्ञाबद्ध रहे। मन में न कोई कड़वाहट हो तन मन से प्रतिज्ञाबद्ध रहे।
मेरी लिखावट मिटाई जाती है जब मैं कुछ लिखना चाहती हूँ। मेरी लिखावट मिटाई जाती है जब मैं कुछ लिखना चाहती हूँ।
पराया प्यार पाने की नाकाम कोशिश मत करना। पराया प्यार पाने की नाकाम कोशिश मत करना।
जब पारदर्शिता का दावा झूठा साबित हो जाता है। जब भ्रष्टाचार तानकर सीना विकृत रूप दिखाता जब पारदर्शिता का दावा झूठा साबित हो जाता है। जब भ्रष्टाचार तानकर सीना विकृत र...
यूँ ही गुनगुनाते रहो लगता है भविष्य चला आता तुम्हारे पास यूँ ही गुनगुनाते रहो लगता है भविष्य चला आता तुम्हारे पास