"बोली"
"बोली"
बोली सम्हल-सम्हल बोलो,
जीवन में अमृत घोलों।
मीठी वाणी से सुख उपजत है,
सुनवें में प्यारी-प्यारी लगत है।
हिये तराजू तोलो,
जीवन में अमृत घोलो।
बोली------
आज कोकिला भई मन भावन,
बोली मीठी बोले सुहावन।
मिश्री सो रस घोलो,
जीवन में अमृत घोलो।
बोली-------
कड़वी वाणी कवहूं मत बोलो,
वातावरण में जहर मत घोलो।
रिश्ते बने मत तोरो,
जीवन में अमृत घोलो।
बोली-------