बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा होनहार क्रांतिकारी
था।
मुंडा जनजाति के घर यह बच्चा
एक सुरवीर था,
झारखंड शहर में एक छोटा सा
कस्बा था
माता करमी पिता सुगना के घर
जन्मा एक बच्चा था
मुंडा ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध
साहस लिए खड़ा था
अपनी अदम्य साहस पराक्रम
लिए,
ब्रिटिश के दांत खट्टे किए था
बिरसा मुंडा गरीबों किंतु
स्वाभिमानी भी था।
ब्रिटिश कालीन शासन के प्रति
अपने मुंडा जन समुदाय के प्रति
मुंडा ने साहस का बिगुल बजाया था।
ब्रिटिश शासकों को फिर मुंडा पर
गुस्सा आया था।
बिरसा मुंडा अपने समुदाय के
प्रति,
तन मन धन से आहुति दी
समुदाय के प्रति उन्होंने अपनी
जान निछावर की।
मुंडा ने अपने समुदाय प्रति
अंग्रेजों खिलाफ विद्रोह की
बिगुल बजाई थी।
बिरसा ने अपने मुंडा समुदाय में
ज्ञान की ज्योति जलाई थी।
ब्रिटिश सरकार बिरसा मुंडा से
भयभीत हो गया।
ब्रिटिश सरकार का सपना
चकनाचूर हो गया।
अंग्रेजों ने मुंडा को गिरफ्तार कर लिया।
बिरसा मुंडा को 2 साल तक
कारावास में रख दिया।
1990 में अंग्रेजों ने बड़ी एक
गुस्ताखी की।
बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारी को
धोखे से जहर दे दी।
बिरसा मुंडा जी ने शहीद होकर
होकर भी आपने उत्थान कर दिया
आदिवासी समुदाय के चेतना में
आपने विकास का नया द्वार खोल
दिया।
काले कानूनों को चुनौती देकर
ब्रिटिश साम्राज्य को भस्मा भूत कर दीया।
आदिवासियों के अंधविश्वासों को नाश करके।
आपने एक नई अगम जगाई थी
आदिवासियों के लिए आप
एक आशा की किरण जगाई थी।
