Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

बिखराते रहें सतरंगी पल

बिखराते रहें सतरंगी पल

1 min
262


रहें प्रफुल्लित हर हाल हालत में,

बाधाएं झुंझलाने से न होतीं हल।

भूल गमों को बिखेरें हम खुशियां,

 हम बिखराते रहें सतरंगी पल।


मायूसी ने घेर रखा है हर जन को,

ग़मों ने व्यथित किया है हर मन को।

ग़म हैं जननी विविध व्याधियों की,

जो कर देती हैं निर्बल हर तन को।


निर्बल तन और मन हो व्यथित तो,

घटता ही रहता है आत्मा का बल।

रहें प्रफुल्लित हर हाल हालत में,

बाधाएं झुंझलाने न हो पाएं हल।

भूल गमों को बिखेरें हम खुशियां,

 हम बिखराते रहें सतरंगी पल।


विनम्रता हमको प्रमुदित करती है,

और बहु दुख देता हमको अहंकार।

मधुर स्वभाव परहित की भावना,

दिखलाती कुल से पाए हैं संस्कार।

व्यवहार और आचरण की सरलता,

देती हर कहीं हमें खुशियां हर पल।


रहें प्रफुल्लित हर हाल हालत में,

बाधाएं झुंझलाने न हो पाएं हल।

भूल गमों को बिखेरें हम खुशियां,

 हम बिखराते रहें सतरंगी पल।


सुख होते हैं सबकी ही चाहत पर,

चिन्ता बस दुख की ही करते हैं।

सब ही तो चाहते हैं लम्बा जीवन,

प्रतिदिन घुट-घुट कर मरते रहते हैं।

अनुमानित दुख हित सुख मत खोएं,

बांटें खुशियां हर दम और हर पल।


रहें प्रफुल्लित हर हाल हालत में,

बाधाएं झुंझलाने न हो पाएं हल।

भूल गमों को बिखेरें हम खुशियां,

 हम बिखराते रहें सतरंगी पल।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract