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Hariom Kumar

Abstract

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Hariom Kumar

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बीती रात

बीती रात

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बीती रात तेरी यादों में,

लाखों-लाख कमल दल फूलें,

रात के आंगन में चंदा संग,

हम खुशियों के झूले झूलें,

चांद में देखी तेरी सूरत,

की कोशिश हम तुझको छू लें,

यादें तेरी पुष्प- पंखुड़ी,

तुझसे दूरी जैसे शूलें,

तुझको मेरी याद ना आई,

हम तुझको पर कैसे भूलें ??


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