बीती रात कमल दल फूले
बीती रात कमल दल फूले
कुछ साल पहले आपसे मिले थे,
शायद आपको याद हो।
कि हम तन्हा बैठे थे और आप,
महफ़िल में भी तन्हा ही थी।।
और कुछ थोड़े ही पूछा था हमने आपसे,
बस आप थोड़ी बेरंग थी उस रंगीन महफ़िल में।
अपने दिल के सारे जज़्बात आपने कह डाले
महफ़िल को बदनाम कर हमें अपना
सरेआम कर डाले।।
लाज़मी है कि आपने भी मुझ में कुछ
अच्छा देखा होगा,
तभी तो ज़िन्दगी हमारे नाम करने की
बात कर डाली।
और ऐसा तो था नहीं कि आप मयखाने
की नशे में थीं,
आपने तो होशो हवास में इकरार किया था।।
मेरे दिल में भी कमल दल खिले थे
तुम को देखकर,
तुम अपना हाल बतलाओ मेरे आँखों
में झाँक कर।
कमल दल खिलते रहे है, कमल दल
खिलते ही रहेंगे,
दिल मिलते रहें हैं सदियों से मिलते ही रहेंगे।।

