बिछड़ते वक़्त
बिछड़ते वक़्त
बिछड़ते वक़्त उसे सीने से भी लगा ना सका,
जिस शख़्स से वाबस्ता थीं साँसें मेरी ।
मेरे हाल-ए-दिल का न पूछो आलम तुम,
तरस रही थीं तुम्हें चूमने को आँखें मेरी ।
बिछड़ते वक़्त उसे सीने से भी लगा ना सका,
जिस शख़्स से वाबस्ता थीं साँसें मेरी ।
मेरे हाल-ए-दिल का न पूछो आलम तुम,
तरस रही थीं तुम्हें चूमने को आँखें मेरी ।