STORYMIRROR

Rashmi Singhal

Inspirational

4  

Rashmi Singhal

Inspirational

बहती टंकी

बहती टंकी

1 min
187

टपर्-टपर् बहती है टंकी

सुन-सुन ये क्या कहती है,

मत बहने दो पानी को तुम

ये बात पते की कहती है,


बूंद-बूंद से भरता सागर

सबसे ही ये बड़ी है दौलत,

बिन पानी न जीवन सम्भव

बूंद-बूंद की समझो कीमत,


क्या होगा, आने वाली नस्लें

जब, बूंद-बूंद को तरसेंगी?

पीने को न होगा पानी तो

उनकी अँखियाँ बरसेंगी,


हो जाएगा अगर जो खाली

तो पानी कहाँ से लाओगे,

बहा रहे हो आज जो पानी 

फिर, आगे तुम पछताओगे,


कुएँ, नदियाँ, तालाब, सरोवर

सब धीरे-धीरे मर रहे हैं,

उनके रिक्त स्थान पर हम

संकट अपने लिए भर रहे हैं,


रक्खो ध्यान आसपास जो

बह रहा हो व्यर्थ ही जल,

रक्खो ध्यान आज-अभी से

जो संवरे आने वाला कल।


   


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational