भ्रूण हत्या
भ्रूण हत्या
विकृत मानसिकता की है पहचान,
कन्या भ्रूण हेतु, गर्भपात का ध्यान।
लिंग हो चाहे कोई,
बात की धारणा क्यों
क्या यह हत्या नहीं,
सजा फिर इसे हेतु बनी ना क्यों?
जब जन्म पर हमारा अधिकार नहीं,
तो जन्म लेने का प्रयास क्यों?
मानवता होकर मानवता से
होता है खिलवाड़ क्यों?
अबॉर्शन के दैत्य का,
संहार तुम करो,
लिंगभेद छोड़ दो,
रब जो दे उसे वरो।
इंसानियत की राह चल इंसान तो बनो।
गर्भपात पाप से मुक्त तुम रहो।
