भरोसा
भरोसा
जब हम भरोसा करते हैं
तो डरने की क्या बात है
थामा है तेरा हाथ जब
छुट जानेवाली क्या बात है
जब हम भरोसा करते है
तो समझाने की क्या बात है
आखों को पढ़ना जानता हूँ
उसमे बताने वाली क्या बात है
जब हम भरोसा करते हैं
तो बोलना भी जरूरी है
मन में दबाकर रखने में
कौन सी होशियारी है।
