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Nalanda Satish

Abstract Action Inspirational

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Nalanda Satish

Abstract Action Inspirational

भ्रमित

भ्रमित

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भव्यता का प्रदर्शन करने वाले एक पल में ढह जाते हैं 

दीनता का मजाक उड़ाने वाले तिनके समान उड़ जाते हैं 


सीना तानकर खड़े रहनेवाले खंडहर में तबदील हो जाते है 

संघर्ष नहीं है जिनके जीवन में, अहंकार के अंधेरे में डुब जाते हैं 


अन्तर्मन के खोखलेपन में रंगरेज भी सहम जाते हैं 

रंग रोगन दूसरों को सिर्फ और सिर्फ भ्रमित करने के काम आते हैं 


लगा दो चाहे जितने पहरे पंछी फिर भी दाना चुग के जाते हैं 

मोतियाबिंद की आँखों को बिना ऐनक के कहाँ नजर आते है 



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