Om Prakash Fulara
Classics
भोलेनाथा
दे दो साथा
नैया मेरी
द्वारे तेरी।
माथे चंदा
सोहे गंगा
बेलू पाती
तोहे भाती।
पीए भंगा
नाचे चंगा
डोले सारा
ये संसारा।
आँधी
गजल
पतझड़
वात्सल्य
संघर्ष
हिंदी
नारी
चम्पकमाला छन्...
डरो ना
आत्मचिंतन
सलाम सलाम मेरा दिल से सलाम, एक जय जवान दूजा जय किसान। सलाम सलाम मेरा दिल से सलाम, एक जय जवान दूजा जय किसान।
वक्त, एक बार आकर मेरा दिल बहला दे वक्त तू मुझे मेरा बचपन लौटा दे। वक्त, एक बार आकर मेरा दिल बहला दे वक्त तू मुझे मेरा बचपन लौटा दे।
आज ये भी पता नहीं की वो कहाँ हें किस हाल में हें ईश्वर से यही प्रार्थना है की जहां भी आज ये भी पता नहीं की वो कहाँ हें किस हाल में हें ईश्वर से यही प्रार्थना है की जह...
राष्ट्र भाषा की प्रेमी, वतन-ए -मोहब्बत का इज़हार भी करती हूँ, राष्ट्र भाषा की प्रेमी, वतन-ए -मोहब्बत का इज़हार भी करती हूँ,
माना हौसलों की कमी नहीं तुझमें, पर मेरे अँधेरे तुझे छुए, ऐसे हालात आने हीं ना पाए। माना हौसलों की कमी नहीं तुझमें, पर मेरे अँधेरे तुझे छुए, ऐसे हालात आने हीं न...
ऋषि विश्वामित्र का दक्षिणा पूरा हुआ, राजा श्मशान में रखवाली करने लगे। ऋषि विश्वामित्र का दक्षिणा पूरा हुआ, राजा श्मशान में रखवाली करने लगे।
कमजोर लोगों का हथियार होता है क्रोध अपनी ही मौत का औजार होता है क्रोध। कमजोर लोगों का हथियार होता है क्रोध अपनी ही मौत का औजार होता है क्रोध।
कि शिक्षा पर ही लिखने को, क़ाबिल हमें आज बनाया है। कि शिक्षा पर ही लिखने को, क़ाबिल हमें आज बनाया है।
यह कथा है माता शबरी की हुआ जन्म भील समुदाय में उनका यह कथा है माता शबरी की हुआ जन्म भील समुदाय में उनका
बचपन से उसको सुत कहा सभी ने उसे अछूत कहा वीरों का वो वीर था। बचपन से उसको सुत कहा सभी ने उसे अछूत कहा वीरों का वो वीर था।
जिस दिन उसकी मेहर पड़ेगी, सर अच्छे-अच्छों के झुक जाते है।। जिस दिन उसकी मेहर पड़ेगी, सर अच्छे-अच्छों के झुक जाते है।।
थोड़ा इंसाफ कर दो जाना आखिरी बार माफ कर दो मुझे। थोड़ा इंसाफ कर दो जाना आखिरी बार माफ कर दो मुझे।
चलो कुछ को तो मैंने एहसास दिलाया, की मन तो हममे भी है शरीर के साथ। चलो कुछ को तो मैंने एहसास दिलाया, की मन तो हममे भी है शरीर के साथ।
फिर आ खडे़ हो जाते नये- नये अवतार में। हैं सपने अभिन्न अंग जीवन के। फिर आ खडे़ हो जाते नये- नये अवतार में। हैं सपने अभिन्न अंग जीवन के।
का वरदान सफल जीवन हो सुखमय हो जन जान। का वरदान सफल जीवन हो सुखमय हो जन जान।
जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ, मैं एक शिक्षक हूँ,गुण छात्रों में भरता हूँ। जीवन के पग पग पर मैं तो दिखता हूँ, मैं एक शिक्षक हूँ,गुण छात्रों में भरता हूँ...
वाह कुदरत के खेल निराले हैं, तभी आकाश से आकाशवाणी हुई ठहरो। वाह कुदरत के खेल निराले हैं, तभी आकाश से आकाशवाणी हुई ठहरो।
और अपने नाम का भी एक पन्ना, ज़िन्दगी की सौग़ात कर आते हैं। और अपने नाम का भी एक पन्ना, ज़िन्दगी की सौग़ात कर आते हैं।
शिव ने मोहिनी विष्णु का ख़ूब आभार किया ऐसे वृकासुर का नाम भस्मासुर पड़ा। शिव ने मोहिनी विष्णु का ख़ूब आभार किया ऐसे वृकासुर का नाम भस्मासुर पड़ा।
हे आस प्रभु मिलन की नवजीवन में जीवन के बाद। हे आस प्रभु मिलन की नवजीवन में जीवन के बाद।