भोजपुरी कविता – हवा तोहार सारी
भोजपुरी कविता – हवा तोहार सारी
सांस कईसे लेबा राजा,
हवा बिना हवा तोहार सोना देहिया
बिना एकरे केहु नाही बाची,
हवा बिना हवा तोहार सारी दुनिया
देवे वाला हउआ तू पेड़वा काटी दिहला
जंगल झारी बाबू ,तू सगरो चाटी खईला
पेड़वा बिना बदरा बरसिहे कईसे बुनिया
हवा बिना हवा तोहार सारी दुनिया
मिलवा चिमनीया खूब धुअवा उड़ावेला
मोटर गड़िया धुअवा सबके मूहवा जरावेला
फ़इलल सगरो कचरवा मूहवा आपन मुनिहा
हवा बिना हवा तोहार सारी दुनिया
कहा जइबा बबुआ नीमन हवा कहा पइबा
बाग बगईचो सड़ल हवा खाली वहा खइबा
अपनी करनी बिगाड़ दिहला हवा रजधनिया
हवा बिना हवा तोहार सारी दुनिया
अबो कुछ न बिगड़ल सुधर जा हों राजा
करा सगरो सफाई पेड़वा तू सगरो हो साजा
मजा लिहा बयार पुरवा तू खइहा रसबुनीया
हवा बिना हवा तोहार सारी दुनिया