भोजपुरी गजल- गीत गावत रही
भोजपुरी गजल- गीत गावत रही
तू बन के मीत संग निभावत रहा ।
तोहरे प्यार के गीत हम गावत रही ।
जिये मरे के संग तू इसारा करा ।
मीत बनके हम प्रीत निभावत रही ।
केतनों रुप नजरिया गुजरल मगर ।
आँख भर केहु के ना देखली मगर ।
नजरिया दुयारिया तू निहारल करा ।
साज नाम तोहरे हम बजावत रही ।
दगा दिहा मत कबहु निहोरा हमार ।
दिल दरिया जान तू हिलोरा हमार ।
देखि आँख कनखी तू मुस्कवात रहा ।
आग दिल के लागल हम बुझावात रही ।
हमरे सनेहिया नेहिया के मरम जान ला ।
अपने जीनिगिया हमके तू धरम मान ला ।
फूल भवरा के पराग तू लुटावत रहा ।
बन माली तोहरे बगिया हम जियावत रही ।

