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Archana Saxena

Inspirational

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Archana Saxena

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भाषा का सम्मान

भाषा का सम्मान

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ये तेरी मेरी बात नहीं 

जन जन की यही कहानी है

हिंदी भाषी लगें पिछड़े हुए

 इंग्लिश बोलें अभिमानी हैं


यदि जन्म लिया है भारत में

 थोड़ा तो इस पर गर्व करो

धाराप्रवाह बोल सकते हो पर

 हिंदी बोली पे शरम करो


खुद को समझें तीस मार खाँ

चाहे ज्ञान नहीं हो रत्तीभर

सामान्य ज्ञान में शून्य सही

 अंग्रेजी बोलना आए पर


हद देखो तब हो जाती है

जब घमंड से ये बतलाते

अरे छत्तीस किसको कहते हैं

हम तो ये समझ नहीं पाते


इनकी छोड़ो जरा इनके

 माता पिता की बातें करते हैं

मेरे पुत्र को हिंदी नहीं आती

कह इंग्लिश का दम भरते हैं


जिस बात पे लज्जित होना था

उस पर वो तो इतराते हैं

अंग्रेजी में यदि कच्चा है

 तो उसको नित धमकाते हैं


नमस्ते को अब भूल चुके

हाय हैलो का दम ये भरते हैं 

फिर मिलेंगे कह कर विदा नहीं

बाय बाय टाटा ही करते हैं


अरे भाषा कोई बुरी नहीं 

हर भाषा का अपना सम्मान

जितनी सीखो उतना अच्छा

नित और बढ़े सामान्य ज्ञान


 निज भाषा का अपमान कभी

सम्मान न तेरा बढ़ाएगा

ये तो गुलाम मानसिकता के

 थोड़ा और करीब ले जाएगा


अंग्रेजी क्या जर्मन सीखो

फ्रैंच सीखो और मैंडरिन सीखो

मातृभाषा को भूलो न मगर

सबसे पहले हिन्दी सीखो


गर्व तुम्हें खुद पर होगा 

जब देश का मान बढ़ाओगे

हिन्दी को मस्तक पर रख कर

 भाषा सम्मान बढ़ाओगे


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