STORYMIRROR

Sonali Tripathi

Inspirational

4  

Sonali Tripathi

Inspirational

"भारतवर्ष"

"भारतवर्ष"

1 min
333

वर्षों की दासता.... वर्षों की गुलामी

ख्वाहिश थी स्वाधीनता की

ना चल सकी मनमानी

आजादी मिली.... संविधान बना

भारत को नया पहचान मिला

नई व्यवस्था ....नया विधान

नहीं नींव पर हुआ निर्माण

उन्नति हुई....व्यवसाय हुआ

भारत का सर्वांगीण विकास हुआ

हरित क्रांति व श्वेत क्रांति से

नवीन ख्याति विख्यात हुआ

परमाणु परीक्षण की नई सोच से

स्वयं शक्ति का एहसास हुआ

भारतीय सेना के पराक्रम का

देश सर्वदा ऋणी रहेगा

उनके अद्वितीय कौशल बंद से ही

शियाचीन तिरंगे से आबाद रहेगा

विकसित होने की राह में भी

अनेक अड़चनें बाधक हैं

शिक्षा स्वास्थ्य व बेरोजगारी

प्रगति मार्ग में रोधक हैं

कल्याणकारी योजनाएं यहां

सिर्फ दस्तावेज बन रह जाती हैं

ज़मीं पर उतरने से पूर्व ही

लालच की बलि चढ़ जाती हैं

आंखों से देखें सपने भी…बस

आंखों में ...रह जाते हैं

संसाधन व जरूरतों का टकराव भी

ये कैसे दिन दिखलाते हैं!

पर यकीन भी पूरा है ....

बदलेगा समय .... बदलेगा नजरिया

शायद तभी बदलेगा भारतवर्ष का सवेरा…



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational