STORYMIRROR

Sonali Tripathi

Inspirational

4  

Sonali Tripathi

Inspirational

सीख रही हूं .....

सीख रही हूं .....

1 min
370


सीख रही हूं, कुछ नए हुनर

खुद को खुद से बेहतर बनाने को

सीख रही हूं….

लड़खड़ाकर भी संभल जाने का हुनर

बार -बार गिरकर दौड़ लगाने का हुनर

ढेरों तकलीफों को मुस्कराहट में छिपाने का हुनर

सीख रही हूं, कुछ नए हुनर

खुद को खुद से बेहतर बनाने को

सीख रही हूं….

परिंदों सा हौसलों की उड़ान का हुनर

भ्रमरों सा हर पल गुनगुनाने का हुनर

बेजुबानों सा जज़्बात बयां करने का हुनर

सीख रही हूं, कुछ नए हुनर

खुद को खुद से बेहतर बनाने को

सीख रही हूं….

दरख़्तो सा परहित में त्याग का हुनर

पर्वत सा हर क्षण अडिग रहने का हुनर

नदियों सा अपना राह बनाने का हुनर

सीख रही हूं, कुछ नए हुनर

खुद को खुद से बेहतर बनाने को

सीख रही हूं….

अंधेरे में भी देखने का हुुुनर 

उजालों में कई बार झूठ भी सच हो जाते हैं

सीख रही हूं....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational