भारत मातरम् वन्दे
भारत मातरम् वन्दे
मुझे अपने देश पर स्वाभिमान है।
मैं नित्य भारत मातरम् वन्दना करता हूँ!
मुझे सर्वधर्म समभाव एवं विश्व भातृत्व बोध से लगाव है।
हमारा भारत स्वामी विवेकानंद जी की स्वर्णिम स्वप्न का ही मूर्त रूप है।
आत्मनिर्भरता हमारे रग-रग में व्याप्त है।
हमारा देश आतिथ्य में सर्वोपरि है।
चलो, हम सब अनेक जाति-धर्मों के संमिश्रण से
सशक्त और संगठित भारत माता को
पुनः विश्व दरबार में जगद्गुरू की मर्यादा से गौरवान्वित करें !
चलो, यहाँ हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई-जैन-बौद्ध
सब एक छत्रछाया में रहकर बस भारत-भविष्य को सुसज्जित करें!
चलो, हम वस्तुवादी चिंताधारा से परे हटकर
सिर्फ अपने राष्ट्रोन्नति की बात पर ज़ोर दें...!!!
चलो, हम अपना अमूल्य योगदान देकर
अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें।