“भारत को स्वर्ग बनाएँगे”
“भारत को स्वर्ग बनाएँगे”


बहुत हो गयी
इधर -उधर की बातें
चलो कोई हम
नया काम कर लें
नयी बातों को
कोई अंजाम दे दें
कोई कहता है मैं तुम्हें
सब कुछ दूँगा
तुम्हारी तस्वीर बदल जाएगी
तुम्हें कुछ
करने की जरूरत क्या है ?
अनाज तुमको देंगे
औरतों को घर बैठे पगार देंगे
झुग्गी झोंपड़ियों में
रहने के दिन लद गए
हम नए -नए
आशियाना तुम्हें बनाकर देंगे
मुफ्त बिजली ,
मुफ्त पेय जल
आपको मिलेगा !!
पर हमें कोई नहीं कहता है
कि तुम्हें हम नौकरी देंगे
शिक्षा के दीपक को घर -घर में जलाएंगे
हर हाथ को काम और
किसी को
निष्क्रिय नहीं बनने देंगे
सब भाषाओं
को सम्मान देंगे
सब धर्मों को
हम प्यार करेंगे
मजहब के नामों पर नहीं लड़ेंगे
प्यार करेंगे सब लोगों को
और भारत को स्वर्ग बनाएँगे !!