भारत की आजादी
भारत की आजादी
ब्रिटिश व्यापारी बन कर भारत आया था ,
और छल से उसने भारत पर राज किया ,
अपनी हित की खातिर आपस में लड़वाया था ,
भारतीयों को लड़ाने की उसने नीति बड़ी बनाई थी I
भेद भाव से देश की एकता उसने मिटाई थी,
रंग भेद और जातिवाद की नीति नई बनाई थी ,
जब हमने किया विरोध शांतिपूर्ण ढंग से ,
तब उसने बेरहमी से लाठियाँ हम पर बरसाई थी I
भारत की आजादी का कर्ज चुकाया वीरों ने ,
जेल गए , कुछ हंस कर चढ़ गए फांसी थे ,
देश को बचाने की खातिर कई वीरों ने ,
हँसते -हँसते गोली सीने पर अपने खाई थी I
लाल हो गई धरती रक्त की नदियां बह गई थी
माँ ने खोया लाल ,उजड़ गए कई सुहाग थे
आजादी के लिए अंग्रेजों से लंबी चली लड़ाई थी
वीरों ने अपने प्राण देकर कीमत इसकी चुकाई थी I
अपनी जान की परवाह न कर देश की जान बचाई थी ,
कुर्बान हो गए देश की खातिर आंच न देश पर आई थी ,
लाल ,बाल ,पाल गांधी ,सुभाष सबने मिलकर ,
देश की जान बचाकर इसकी शान बढ़ाई थी I
15 अगस्त 1947 को आजादी हमने पाई थी ,
उस दिन आजादी का मतलब हमने जाना था,
आजाद हैं हम अपने देश में गुलाम नहीं,
देश हित है सबसे आगे हमने यह जाना है ,
अपने देश को फिर से सोने की चिड़िया बनाना है I