“भारत का गणतन्त्र”
“भारत का गणतन्त्र”


किए जो
अपनी कुर्बानी ,
दिया गणतन्त्र का सपना !
नमन हम
करते हैं उनको ,
जो समझे देश को अपना !!
थे मजहब
जाति पहले भी ,
नहीं आपस में लड़ते थे !
सभी मिलते
थे अपनों में,
नहीं कभी वे झगड़ते थे !!
भगाया
मिलके गोरों को ,
सभी ने देश को जाना !
हमारा
एक ही सपना ,
सभी ने मिलके ही ठाना !
मिली है
हमको आज़ादी ,
गणतन्त्र का गीत गाते हैं !
बराबर हैं
सभी हम सब ,
गले सबको लगाते हैं !!
चलो मिलकर
मनाये पर्व ,
दिखाये अपनी ताकत को !
करें हम
देश की सेवा ,
मिटा दे सारी आफ़त को !!