भारत अब नहीं है अकेला
भारत अब नहीं है अकेला
भारत को आजाद किया,
भारतमाता के बेटो ने,
दिखते नहीं यहाँ पर कोई,
परिंदे भी गुलामी में।
विकास होकर देश बदला,
नही दिखते यहाँ पर बुझदिल,
नही देशमे गुलामी की छाया,
है स्वातंत्रतासे सब मालामाल।
नया रास्ता है नया आसमान,
गाते थकते नही हम देशकी स्तुती,
उज्वल निर्मल देशका तिरंगा प्यारा,
अब किसीकों नही गुलामी की स्थिती।
सशक्त भारत हुआ है बलीदानोसें,
हम हुये है अभीतो मुक्त पवन,
गुलामी की जंजीर को तोडकर,
मातृभूमी हमारी हुयी है सक्षम।
लोकशाही मनमन में जागी है,
आंखोमें नये स्वप्न पनप रहे है,
जागे जागे दिखते यहा सभी,
विज्ञान हुआ विकसीत जनमनमें है।
भारत में नही कोई निरक्षर है.
प्रगती कें है अबतो खुले दालन.
लोकशाही को मजबूत बनाकर.
करते है बार बार मनसे वंदन।
हिंदुस्तान है हमारी पहचान
अखंड भारत को सबल बनायेंगे
देश होगा अपना रोशनं
तिरंगा आसमान में लहरायेंगे।