भाईचारा कभी ना भूल
भाईचारा कभी ना भूल
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
सुखद दिनों भले आत्मकेंद्रित
अनुभव कर दिखे अभिमानी
दुखी क्षणों अत्यंत लचीला
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
सामने रहता अश्रु बहता
जी को करता हल्का
पर अहंकार ऐसा दुर्भाग्य
नहीं देता रोने भी
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
अपनी पीड़ा पाबंदी लगा
साहसी और शासक बन
फिर भी हृदय मुक्त नहीं
हृदय मुक्ति तब मिलती
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
समस्त प्रकृति बनाए
सुख दुख की साझेदार
आदिम इतिहास रोचक
एक ओर पशु श्रेणी
विकसित प्राणी माने
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
दूसरी ओर मिथक कथाएं
आदम को मानते श्रेष्ठ
होते देवताओं के मित्र
असुरों से होते संग्राम
स्वर्ग और आदम
हैं गहरा नाता
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
मिथक कथाएं तब की
आवागमन के पक्के साधन
संपर्क सूत्र जोड़े रखने
करनी पड़ती लम्बी यात्राएं
रहता सुविधाओं का अभाव
तीर्थयात्रा पर निकलना
बना रहता था संदेह
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
फिर लौट कर आए या नहीं
आज चांद और मंगल
बनी पैरो की धूल
बुद्धि बन रही धारदार
हो गई सारी सुख सुविधाएं
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल
आदम जात फिर भी अकेला
अपनी ही ताप जल रहा
ना रहा हृदय अपेक्षित
भाईचारा और दोस्ती
हाथ बढ़ाए ये आदिम
इसका जवाब नहीं कोई
भाईचारा कभी ना भूल।
