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Dinesh Dubey

Abstract Drama

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Dinesh Dubey

Abstract Drama

भाई दूज का त्योहार

भाई दूज का त्योहार

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बहुत प्यारा सबसे न्यारा 

रहता है रिश्ता ये मस्ताना 

भाई बहन का है ये प्यार,

जो न मिलता कही भी यार,


भाई दूज को बहने आती 

अपने अपने भाई के द्वार,

उनकी सुख की कामना करती 

उनका करती है सम्मान,


तिलक लगा कर खिला मिठाई,

हर लेती सब उनकी कठिनाई,

पर अब तो यह रिश्ता भी,

दुर्लभ होता दिख रहा है,


एक पुत्र या एक पुत्री का,

फैशन सा चल निकला है,

कुछ वर्षों में हो जायेंगे,

ये सारे रिश्ते भी लुप्त,


फिर कैसे मनाएंगे, रक्षा बंधन 

और ये भाई दूज ।।



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