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Dheeraj kumar shukla darsh

Classics

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Dheeraj kumar shukla darsh

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भागीदारी

भागीदारी

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देश में है हिस्सेदारी

हमारी है ये भागीदारी

मिली हमें जब आजादी

क्यों हो रही बर्बादी


समझों अब देश की हालत

मिलकर बनो देश की ताकत

कब दूर होगी ये दूरी

जाति, धर्म से ऊपर उठकर

कहलायेंगे भारत वासी


मातृभूमि की सेवा खातिर

हम सबकी है जिम्मेदारी

होगा देश अगर हमारा

तो बचेगी ये आजादी


एक बात कहना है अब तो

फिर एक तूफान उठाओ

मिट जाये हर बैर भाव फिर

भारत के वासी कहलाओ


उन शहादतों में होगी

यही हमारी भागीदारी

हम भारत के लाल कहाये

यही है सबकी जिम्मेदारी

करो अब इसमें भागीदारी।


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