बगावत
बगावत
पहला प्यार कब होता है,
इसका पता कब किसको होता है।
बस एक ही नज़र में प्यार होता है,
ना जाने कब दिल बेकरार होता है।
नैना को भी उस उम्र में प्यार हुआ,
देखते ही देखते बेकरार हुआ।
नजरें मिली इकरार हुआ,
मिलने का सिलसिला बरकरार हुआ।
प्यार में परेशानियों का सिलसिला शुरु हुआ,
कभी घरवालों का टोकना शुरु हुआ,
तो कभी दुनिया वालों का ताना देना शुरु हुआ।
मगर सच्ची मोहब्बत कहा रूकती है।
किसी के आगे कहाँ झुकती है।
नैना ने सबसे बगावत कर ली
सारी दुनिया को छोड़कर अपनी जिन्दगी से
जन्म-जन्म की गाँठ जोड़ ली।।
