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Shiv kumar Gupta

Romance

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Shiv kumar Gupta

Romance

बेवफ़ाई न किया करो

बेवफ़ाई न किया करो

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ज़माने का डर है तो मुहब्बत न करो, 

मुझे छोड़कर यूं रोज रुसवा न करो,

सांसे भी छिननी है तो सांसों में न बसा करो,

हमसे दूर जाकर यूं हमसे बेवफाई न किया करो l

    धड़कने भी आपकी हरदम नाम लिया करते हैं, 

   आपकी तन्हाई में हम दर्द हाल में जीया करते हैं,

    निगाहों में हमेशा आप ही रहा करते हैं, 

    हर लम्हों में आपका ही इंतजार रहा करते हैं l

थोड़ा आपकी सुरूर छा जाया करते हैं, 

धीरे-धीरे राज से पर्दा हटा करते हैं, 

कैसे कहूँ कि आप ही मेरे दिल पे राज करते हैं,

होंठों पे खामोशी बंद पलकों पर भी आप रहा करते हैं l

     ज़माने के डर

से मुँह ना मोड़ा कीजिए,

   शमां जल चुकी है तो हमें भी जल जाने दीजिए,

    परवाने की चाहत में ना मत कीजिए,

    जलने वाले को जलने तो दीजिए l

जमी से कई आवाज आया करते हैं, 

मुहब्बत के राहों में कांटे आया करते हैं,

ज़माने के लोग हमेशा प्रेमियों को सताया करते हैं,

मगर आशिक तो घुट-घुट कर जहर पिया करते हैं l

     ज़माने का डर है तो मुहब्बत न करो,

     मुझे छोड़कर यूं रोज रुसवा न करो,

     सांसे भी छिननी है तो सांसों में न बसा करो, 

     हमसे दूर जाकर यूं बेवफाई न किया करो l



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