बेवफा
बेवफा
तुझ से जुड़ी हर सवालों का जवाब शायद मेरे पास है
नहीं पर एक बात पूछना था तुझ से क्या आज तक क्या तूने मुझे भूला नहीं?
वक्त के साथ साथ बदल जाते है लोग,मौसम की तरह सिमट जाते है लोग,
अपना भी बन जाते है पराए तो तुम तो कभी मेरी थी ही नहीं।
इंसानियत के नारे लगाने वाले ए क्या तू खुद को भगवान समझती थी?
तेरे अंदर का शेतान तब सामने आया जब
तुझे अपनी भूख मिटाने के लिए कोई और मिल गया।
सुना है तेरे बारे में बोहोत कुछ,आज तेरे भूख इतना बर गया है
के तू किसी भी हद तक जा सकती हैं,
हां माना के तू प्यासी है,तेरा भूख कोई नहीं मिटा सकता
पर और कितने नीचे गिरेगी तू।
बस खुदा से बस ए ही गुजारिश है के तू
बस सुधर जा और किसी एक को अपना बना ले।