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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama

बेवफ़ाई वाली दुकान

बेवफ़ाई वाली दुकान

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प्यार में बेवफ़ाई मिली तो दुकान खोल ली

पापी पेट का सवाल है साखी,

प्यार में कंगाली मिली तो दुकान खोल ली।


क्या करे जिन्दगि जीने का सवाल है साखी,

मोहब्ब्त में बदहाली मिली दुकान खोल ली,

करते हैं उनका इस्तकबाल जिनको प्यार में गाली मिली।


लेते है पैसा सिर्फ़ आशिकों से ही साखी,

जिनका संग करने से हमे ये रोजगार की सीख मिली।


साहित्याला गुण द्या
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