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Savita Gupta

Abstract Inspirational

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Savita Gupta

Abstract Inspirational

बेटियाँ

बेटियाँ

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आज की बेटियाँ,

स्वच्छंद बेख़ौफ़ बिंदास।

जींस पहन बेलतीं है रोटियाँ,

दस हाथों से निपटाती गृहस्थियाँ।


कार से लेकर सुखोई उड़ाती बेटियाँ,

घर और कर्म क्षेत्र पर राज करती।

भेद भाव को बुहार कर,

जल, थल ,नभ पर छाती लड़कियाँ ।


तन से नाज़ुक मन मज़बूत 

कदम से कदम मिलाती बेटियाँ,

हर बाधा पार करती।

बंधनों के पाजेब तोड़ नामर्दों को,

सलाख़ों के पीछे पहुँचाती बेटियाँ।


तन से कमजोर पर हौसलों से बुलंद,

दहलीज़ लाँघती बेटियाँ।

लाचार पिता को साइकिल पर,

बिठा मिलों नापतीं बेटियाँ।


जीवनदायनी वंश बेल बढ़ाती,

अग्नि परीक्षा भी देती बेटियाँ।

पढ़ती बढ़ती शिखर छूती,

हर इम्तिहान में सफल होती बेटियाँ।


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