Jitendra Vijayshri Pandey
Abstract
कौन कहता है घर चिरागों से ही रोशन और दमकता है।
जनाब एक चिंगारी से ही चिराग का अस्तित्व बनता है।।
सैनिक
माँ
गुरु
रक्षाबंधन
आज ख़ुद से...
नारी
पानी पर बहते ...
रेप इन इंडिया
बदल गया सब कुछ, बस हम न बदल पाए। बदल गया सब कुछ, बस हम न बदल पाए।
भग्न कर दूँ अरि की इच्छा, काल उस पर करे नर्तन माँग ले ये......... भग्न कर दूँ अरि की इच्छा, काल उस पर करे नर्तन माँग ले ये.........
समय की बात है कि दामाद कभी रसगुल्ला तो कभी दोधारी तलवार होता है। समय की बात है कि दामाद कभी रसगुल्ला तो कभी दोधारी तलवार होता है।
अब हमें भी है स्वतंत्र रुप से अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार। अब हमें भी है स्वतंत्र रुप से अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार।
आप भी एक बार फिर से जान लो कैलेण्डर ही मेरा नाम है। आप भी एक बार फिर से जान लो कैलेण्डर ही मेरा नाम है।
तू चाहें तो अबला है, तू चाहें तो झांसी रानी है। तू चाहें तो अबला है, तू चाहें तो झांसी रानी है।
चिंता तुम ना कोई करना, जग का होगा मंगल जी। चिंता तुम ना कोई करना, जग का होगा मंगल जी।
चरे जा रहे पावन संस्कृति, निर्बल-निर्बल हुआ शहर। चरे जा रहे पावन संस्कृति, निर्बल-निर्बल हुआ शहर।
अथाह पड़ी है इस बेचारी की सीमा, क्यों लगाते हो इस पर कलंक की लालिमा, अथाह पड़ी है इस बेचारी की सीमा, क्यों लगाते हो इस पर कलंक की लालिमा,
आओ हिन्दी भाषा पर हम गर्व करें हिन्दी भाषा का ही प्रयोग सर्वत्र करें। आओ हिन्दी भाषा पर हम गर्व करें हिन्दी भाषा का ही प्रयोग सर्वत्र करें।
हिन्दी हर भारतवासी का राष्ट्रीय मान सम्मान है इसका ज्ञान बंटता रहे, यह अपना अभिमान है। हिन्दी हर भारतवासी का राष्ट्रीय मान सम्मान है इसका ज्ञान बंटता रहे, यह अपना अभि...
ऐसा कुछ तो करते चलो तुम दुष्ट शर्मिंदा हो जाये। ऐसा कुछ तो करते चलो तुम दुष्ट शर्मिंदा हो जाये।
चलो लम्हे चुराते हैं चलो यादें सहलाते हैं ! चलो लम्हे चुराते हैं चलो यादें सहलाते हैं !
खुशियों में तसल्ली कहाँ फिर ये ढूंढती रहती हूँ खुशियों में तसल्ली कहाँ फिर ये ढूंढती रहती हूँ
जलता है कुछ तो, उठता है ये धुआँ बुझता भी है तो, घुटता है यह धुआँ… जलता है कुछ तो, उठता है ये धुआँ बुझता भी है तो, घुटता है यह धुआँ…
जख्म जो मिला मुझे अभी तलक भरा नहीं अच्छा हाँ याद आया ये तो इश्क़ की निशानी है जख्म जो मिला मुझे अभी तलक भरा नहीं अच्छा हाँ याद आया ये तो इश्क़ की निशानी है
तरक्की के रास्तों पर सबसे ऊँचे हमारे मकान है। तरक्की के रास्तों पर सबसे ऊँचे हमारे मकान है।
कोशिशों से हिमालय पर ध्वज हमारा लहराया, कोशिशों से ही मंगल पर जीवन मिल पाया, कोशिशों से हिमालय पर ध्वज हमारा लहराया, कोशिशों से ही मंगल पर जीवन मिल पाया,
साँसों से साँस लिए, हाथों में हाथ दिए वह भी साथ चलेंगे। साँसों से साँस लिए, हाथों में हाथ दिए वह भी साथ चलेंगे।
जीवन यापन हो गया दुश्वार लेकिन फिर भी जिंदा हूँ। जीवन यापन हो गया दुश्वार लेकिन फिर भी जिंदा हूँ।