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Kavita Sharrma

Abstract

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Kavita Sharrma

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अभिव्यक्ति

अभिव्यक्ति

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अभिव्यक्ति की आज़ादी है आज़

कहने दो सबको अपने मन की बात

नेताजी अभिव्यक्त करते भाषण से अपने विचार

आम नागरिक को नहीं मंच पर कहने का अधिकार


पर नेपथ्य में रख सकता है वो अपनी बात

नारी को अभी मिला कहां है कुछ कहने का अधिकार

हर बार दबा दी जाती है उसकी बात

अभिव्यक्त करता है जब लेखक अपने मन के विचार


कभी उसे होना पड़ता है तानों से भी दो चार

आम आदमी को मिला यह मंच अनोखा

जहां बेझिझक रख सकता है वो अपने दिल की बात

अब हमें भी है स्वतंत्र रुप से अपनी अभिव्यक्ति का अधिकार।


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