मां बाप
मां बाप
अगर हम हाथ बढ़ाएं,
तो क्या वह साथ चलेंगे
अगर हम साथ चलते जाएं,
तो क्या वे साथ चलेंगे,
यह सोच सकते नहीं उन्हें,
कि वे कब-कब साथ चलेंगे,
साँसों से साँस लिए,
हाथों में हाथ दिए वह भी साथ चलेंगे।
जब-जब टकराएंगे हम खुद से,
वे तब भी साथ चलेंगे,
आंखों में आंसू लिए,
दिल पर चोट खाए वे तब भी साथ चलेंगे।
यह रिश्ते दिल के छूटते नहीं कभी,
मां-बाप हैं आखिर हमेशा साथ चलेंगे।
कोई दिल दुखाएगा कोई छोड़ भी जाएगा,
पर माँ-बाप तो हमेशा ही साथ चलेंगे।
है नहीं जग में इन जैसे लोग,
जो हमेशा साथ चलेंगे।
पर जरूरत पड़ने पर,
क्या हम भी इनके साथ चलेंगे ?