बेटी
बेटी
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मैं बेटी वरदान हूं,
मां दुर्गा की शक्ति हूं।
बेटी की बात निराली है,
जिनके पास है वह भाग्यशाली है।
बेटी को भी आगे बढ़ने दो,
सपनों को पूरा करने दो।
बेटी को मत रोको,
बेटी को मत टोको।
पूरा हक है उसे अपनी जिंदगी पर...
किसी से कुछ नहीं कहती है,
हर दुख को चुपचाप सहती है।
बेटी को समझने में देर हो जाती है,
वक्त आने पर वह सवार शेर पर हो जाती है।
बेटा बेटी दोनों एक है,
सवाल उठाने वाले अनेक है।
"बेटी बोझ है"
इसको दिमाग से उतारो,
अपनी सोच को सुधारो।
हर घर की शान है बेटी,
चम चम चम चम ताज बेटी।