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Bhawna Panwar

Abstract Inspirational

4  

Bhawna Panwar

Abstract Inspirational

बेटी बहू

बेटी बहू

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नादानी को चुप्पी में,

जिद्द को समझदारी में, 


बचपने को जिम्मेदारी में,

सपनों को किसी कोने में, 


खिलती मुस्कान को एक हंसते चेहरे में,

अपने ख्वाहिशों को किसी बंद कोटरी में, 


अस्तित्व की चिंगारी को छुपाने में,

कुछ कर गुजरने की लोह को दफन करने में, 


खुद को पूर्ण रूप से किसी को समर्पित करने में

और शिष्टता का भाव अपने

अन्दर समावेश करने तक में 

बेटी बहू बन जाती हैं।।


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