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बेटी बचाओ

बेटी बचाओ

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मचानी है तो धूम मचाओ,

लेकिन बेटी बचाओ

चाहे उसे सोना न दिलाओ,

लेकिन बेटी बचाओ


चाहे उसे नाच नचाओ,

लेकिन बेटी बचाओ

चाहे उसकी मांग पूरी न हो

लेकिन बेटी बचाओ


चाहे उसे उसे कम पढ़ाओ

लेकिन बेटी बचाओ

चाहे उसे चाय पिलाओ

लेकिन बेटी बचाओ


चाहे उसे पायल न पहनाओ

लेकिन बेटी बचाओ

चाहे उसे वारिश न बनाओ

लेकिन बेटी बचाओ


चाहे उसका जन्म दिन न मनाओ

लेकिन बेटी बचाओ

चाहे चोरी चुपकी से गाना गाओ

लेकिन बेटी बचाओ


चाहे शादी में शरणाई न बजाओ

लेकिन बेटी बचाओ

जीवन अपना सुंदर सजा ओ और

बेटी बचाओ


बाग में अपने फूल खिलाओ और

बेटी बचाओ

घर में अपने ज्योति जलाओ और

बेटी बचाओ


लोगो को सच्ची राह दिखाओ

और बेटी बचाओ

घर में अपने लक्ष्मीनारायण लाओ

और बेटी बचाओ


दिल में अपने प्यार जगाओ

और बेटी बचाओ

भारत देश की शान बढ़ाओ

और बेटी बचाओ


गुलाब चंद का गौरव बढ़ाओ.

और बेटी बचाओ !


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