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बेकरारी है

बेकरारी है

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हर लम्हा जानेजान दिल को बेकरारी है।

मेरा कुछ नहीं यह धड़कन तुम्हारी है।


कोई चीज़ आसां नहीं है मिलना यहां,

हमने तोड़कर खुद को ज़िन्दगी संवारी है।


कैसे कूद रहे हैं ये बंदर की तरहा,

भाषन देने वाला कोई मदारी है।


कोई नज़र न डाले इस हसीन चेहरे पर,

आज से गर्लफ्रेंड हमारी है।


ऐब दिखाता है लोगों के क्यों मुजीब

तेरे गुनाहों की गठरी बड़ी भारी है ।।


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