बदलना क्यों है ?
बदलना क्यों है ?
जिस राह पर तुम्हें कोई समझ ना सके
उस डगर पर आखिर चलना क्यों है
करो वही जिसमें तुम खुश हो
तुम्हें दूसरों के लिए बदलना क्यों है
लाखों आएं जाएंगे
सब अपनी-अपनी राय बताएंगे
कुछ समझाएँगे सच में ही
कुछ यूँ ही बस भरमाएंगे
खुद के दिल की आवाज को अनसुना कर
तुम्हें दूसरों को सुनना क्यों है
तुम करो वही जिसमें तुम खुश हो
तुम्हें दूसरों के लिए बदलना क्यों है
गर राहों में चलते-चलते
तुम थक कर कभी बैठ जाओगे
कोई देदे ज़रा सहारा तुम्हें
सबसे ये आस लगाओगे
खुद की हिम्मत को छोड़कर
तुम्हें दूसरों के कदमों से चलना क्यों है
तुम करो वही जिसमें तुम खुश हो
तुम्हें दूसरों के लिए बदलना क्यों है
जो छोटी-छोटी बातों का भी मुद्दा यूँ बनाएंगे
कोई एक सुनेगा ना तेरी
सब बेवजह चिल्लाएँगे
अपने सुकून को भूल कर
उस शोर को सुनना क्यों है
तुम करो वही जिसमें तुम खुश हो
तुम्हें दूसरों के लिए बदलना क्यों है
सब इतना तुम्हें सताएँगे
कि तुम टूट कर बिखर जाओगे
गर आज जो खुद की नहीं सुनी
तो एक दिन पछताओगे
दूसरों की ज़िद के लिए
तुम्हें घुट-घुट कर यूँ मरना क्यों है
तुम करो वही जिसमें तुम खुश हो
तुम्हें दूसरों के लिए बदलना क्यों है..?