Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kalyani Das

Abstract

4  

Kalyani Das

Abstract

जिंदगी

जिंदगी

1 min
417



ज़िंदगी इतना भरमाती क्यूं है?

जब भी लगे अब सब ठीक है ...

तभी इक नये भँवर में फँँसाती क्यूं है? 


हम भी कौन से खिलााड़ी कच्चे थे,जनाब 

सीख ही लिया, डूब -डूब 

कर 

तैैैैरना,

जैसे ही लगा, बन गए इक 

अच्छे तैराक ...

फिर किनारों पर तू डूूबाती 

क्यूं है .....?

ज़िंदगी तू इतना भरमाती 

क्यूं है? 


हर पल लेती इक नया इम्तिहान, 

जितना भी पढ़ लो, जिंदगी रूपी किताब,

हर बार प्रश्न पत्र मेंं एक नया प्रश्न तू लाती क्यूं है? 

हमेशा एक नया सबक सिखाती

क्यूं है? 


अब 

बता ही दे....

जिंदगी तू इतना भरमाती 

क्यूं है? 


जब  चाहा था तुझे प्यार से गले लगाना,

तब पल-पल मारा तुुुुमने

जब  सीख लिया मौत को भी गलेे लगाना, 

प्रेम से फिर तू गले लगाती क्यूं है? 

सच बता ,ऐ जिंदगी, तू इतना भरमाती क्यूं है? 


कभी इस पार तो कभी उस पार, 

तो कभी मंझधार ......मेें बहाती क्यूूं है?


बहुत हो गई, तुझ संग ये  आंख-मिचौली 

छोड़ दिया अब खुद को ,बेफिक्र होकर 

तेरे इस बहाव में.....

देेेेखते हैं,अब कौन सा रूप नया

दिखाती तू है .....

जिंदगी तू सदा ही इतना 

भरमाती क्यूंं है .......?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract