बद्दुआ है !!
बद्दुआ है !!
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किसी कि बद्दुआ है कि ये पेड़ ता उम्र सूखा रहेगा।
लगता है कई घरो कि दुआ है कि चूल्हा जलता रहेगा।
वो जितना बुरा कर सकते है कर गए,
जो चले गए उन चिडियो कि याद में पेड़ रोता रहेगा।
जंगली फूल भी है और एक भेल भी थो लिपट रही है,
सुबह थो होनी है आखिर कभ तलक अंधेरा रहेगा।
मोहब्बत ग़ज़ल में रूह ढाल देती है सुख़नवर,
उन चिडियो क लिए दुआ करना तुझमे तेरा खुदा रहेगा।
मेरे जाते ही मेरी कलम तोड़ दी जायेगा,
तुम नींद से उठकर देखा सब नया रहेगा।
शम्मा के बुज जाने से सिर्फ कुछ पल को अंधेरा रहेगा।
उसको भी नहीं मालूम किसी कोने में यादों का दीया जलता रहेगा।