बड़े प्यारे हैं लब तेरे
बड़े प्यारे हैं लब तेरे
बड़े प्यारे हैं लब तेरे ,
दीवाने हो गए सब तेरे ।
फूलों का नूर ले कर ,
यौवन भरपूर ले कर ,
सुर्ख लाल शहद के प्याले ,
कोई कैसे खुद को सम्भाले,
ये महकते गुलाब से,
इक नशीली शराब से ,
चैन उड़ा ले गए मेरे ।
बड़े प्यारे हैं लब तेरे ,
दीवाने हो गए सब तेरे ।
दांतों में इनको दबाओ ना,
बेखबर, शर्माओ ना,
पंखुड़ियां फड़फड़ाओ ना ,
यू बेचैनियां बढ़ाओ ना ।
बन गए हैं कातिल ये मेरे ।
बड़े प्यारे हैं लब तेरे ,
दीवाने हो गए सब तेरे ।
बाहों में भर कर झूमने का है मन मेरा ,
इन लबों को चूमने का है मन मेरा ,
अपने लबों से इन लबों को गीला कर दूँ ,
इन रसीली कोंपलों को और भी रसीला कर दूं ।
बारिश में भीगना तो इक बहाना है ,
लबों पे तेरे जो पड़ी उन पानी की बूंदों को,
लबों से अपने मुझको तो उठाना है ।
अरमां ये दिल में है मेरे ,
बड़े प्यारे हैं लब तेरे ,
दीवाने हो गए सब तेरे ।