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Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

4.5  

Preeti Sharma "ASEEM"

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बचपन का घर

बचपन का घर

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बचपन का वो,

घर.......... याद आता है।


भोलेपन का वो,

संग-साथ याद आता है।

वो छोटा-सा अपना

घर......... याद आता है।


किराये के मकानों के बाद,

अपने घर का,

अपनेपन का,

एहसास याद आता है।


बचपन का वो,

घर........ याद आता है।


जिंदगी कितनी जल्दी,

जिम्मेदार हो गई।

वो बेपरवाह खेल,

घर की छत का,

चौबारा याद आता है।


बचपन का वो,

घर........ याद आता है।


वो घर के,

दरवाज़े के पीछे,

छिप कर,

डराना याद आता है।

वो रूठना-मनाना,

याद आता है।


वक्त ने जिसे,

छीन लिया।

वो अपना घर,

याद आता है।


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