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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

बच्चों की याद

बच्चों की याद

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घर को

सजाते हैं,

पलक पावड़े

बिछाते हैं !

खोयी हुयी

यादों को

दिल में

जागते हैं !


आहट जो

होती है

दौड़ हम

जाते हैं !

पर्दों के पीछे से

राह हम

तकते हैं !


छुपके से आकर

कानों में

कहते हैं !

प्यारा सा

नन्हा सा

अँगुली पकड़

चलते हैं !


इन्हीं सबको

सोचकर

दिन मेरे

निकलते हैं !

आने की आशा

में रोज हम

यहाँ रहते हैं।


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